व्याकरण दर्शन कोष: (3 भाग) – Vyakaran Darshan Kosh

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by Prof. Ramesh Chandra Panda

व्याकरण दर्शन कोश एक ऐसा कोश ग्रंथ है। जिसमें व्याकरण दर्शन से सम्बन्ध 282 शब्दों का संग्रह है तथा इन शब्दों के बारे में विभिन्न व्याकरण दर्शन ग्रन्थों में प्रतिपादित विचारों को प्रस्फुटित करने वाली समस्त पंक्तियों का संदर्भ भी उल्लेख है.

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व्याकरण दर्शन कोश एक ऐसा कोश ग्रंथ है। जिसमें व्याकरण दर्शन से सम्बन्ध 282 शब्दों का संग्रह है तथा इन शब्दों के बारे में विभिन्न व्याकरण दर्शन ग्रन्थों में प्रतिपादित विचारों को प्रस्फुटित करने वाली समस्त पंक्तियों का संदर्भ भी उल्लेख है.

ईसा पूर्व 350 में विरचित अष्टाध्यायी से लेकर 1800 ईसवी में विरचित परिभाषेन्दुशेखर तक पाणिनि व्याकरण परम्परा में उपलब्ध नौ ग्रंथों से सम्बद्ध पंक्तियों को संग्रहित किया गया। यह कोश ग्रन्थ उन विद्वानों तथा शोधार्थियों के लिये अत्यंत उपयोगी सिद्ध होगा जो संस्कृत वाङ्मय तथा विशेष रूप से व्याकरण दर्शन पर। शोध कार्य करना चाहते है। इसके अतिरिक्त जिनकी आधुनिक भाषा वैज्ञानिक अध्ययन पर रूचि है उन के लिये भी यह कोश ग्रन्थ उपकारी सिद्ध होगा।

इस ग्रंथ की विशेषता यह है कि ऐतिहासिक क्रम से ग्रन्थों की पंक्तियों का उल्लेख किया गया है। आशा है इससे विद्वान एवं शोधार्थी लाभान्वित होंगे।

Year

2017

Pages

1246 pp.

ISBN

978-81-7702-407-8

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