भारद्वाज श्रौतसूत्र (आग्रयणेेष्टि) – Bhardwaj Shraut Sutra

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by Ritu Mishra

भारद्वाज श्रौतसूत्र कृष्ण यजुर्वेद की तैत्तिरीय शाखा से सम्बद्ध श्रौतसूत्र है। अन्य श्रौत सूत्रों की भांति इस श्रौतसूत्र में भी दर्शणौर्णमासादि श्रौत यज्ञ का विवेचन हुआ है। इस श्रौतसूत्र में जिन वैदिक यागों का संकलन है, इन्हीं में से एक आग्रयणेष्टि भी है

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भारद्वाज श्रौतसूत्र कृष्ण यजुर्वेद की तैत्तिरीय शाखा से सम्बद्ध श्रौतसूत्र है। अन्य श्रौत सूत्रों की भांति इस श्रौतसूत्र में भी दर्शणौर्णमासादि श्रौत यज्ञ का विवेचन हुआ है। इस श्रौतसूत्र में जिन वैदिक यागों का संकलन है, इन्हीं में से एक आग्रयणेष्टि भी है। यह एक दृष्टि याग है, जो कृषि कर्म से सम्बद्ध है। जिसका संपादन नई फसल के पककर तैयार होने पर अनिवार्य रूप से किया जाता था। इस आग्रयण कर्म का वर्णन प्रायः सभी श्रौतसूत्र कारों ने किया है। साथ ही यह कर्म गृह्यसूत्र के विषयों में भी सम्मिलित है। प्रस्तुत पुस्तक में भारद्वाज श्रौतसूत्र के आग्रयणेष्टि प्रकरण, जो इस श्रौतसूत्र के षष्ठ प्रश्न के पंद्रह से अठारह कण्डिकाओं में संग्रहीत है, इसका अनुवाद सहित व्याख्या का व्याकरणात्मक टिप्पणियों के साथ प्रस्तुत किया गया है।

Bind Type

Hardbound, Paperback

ISBN

93-85538-23-3

Year

2017

Pages

133

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