आधुनिक संस्कृतरचनाकारों में विद्वन्मणि आचार्य केशव चन्द्र दाश का नाम शिखर कवियों में परिगणित हैं। अपनी विशाल रचनाधर्मिता से उन्होंने आधुनिक संस्कृत वाङ्मय को समृद्ध किया तथा संस्कृत जगत के सम्मानभाजन बने।
उनके द्वारा रचित विशाल साहित्य, जिसमें काव्य, लघुकथा, बालकथा तथा आख्यायिका आदि विधाओं में अनेकानेक ग्रन्थ प्रकीर्ण रूप से प्रकाशित हुये थे, का संस्कृत जगत में प्रभूत समादर हुआ। परिणामतः । उनकी समस्त पुस्तकें समाप्त हो गयी और पुनरपि उनकी प्रभूत माँग होती रही। इसी अभाव की पूर्ति हेतु उनकी समस्त रचनाओं को इस केशवकाव्यकलानिधिः नामक विशाल संग्रह के चार खण्डों में उपनिबद्ध किया गया है।
इस संग्रह का प्रथम भाग काव्यखण्ड के रूप में है, जिसके आरम्भ में सम्पादक द्वारा पूर्वपीठिका के रूप में आधुनिक संस्कृत वाङ्मय का सर्वेक्षण प्रस्तुत करते हुये आचार्य केशवचन्द्र दाश के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर विस्तार से प्रकाश डाला गया है। इसी भाग के द्वितीय खण्ड में आचार्य दाश के समस्त काव्यों को संग्रथित किया गया है।
द्वितीय भाग में आचार्य दाश द्वारा रचित लघुकथाओं को समाहित किया गया है। इस संग्रह के तृतीय भाग में डॉ० दाश द्वारा रचित समस्त बालकथाओं को एवं चतुर्थ भाग में आचार्य दाश की प्रशंसित एवं पुरस्कृत समस्त आख्यायिकाओं को संकलित किया गया है।
इस प्रकार आचार्य दाश का आधुनिक संस्कृत साहित्य का यह विशाल संग्रह अध्येताओं, कवियों एवं गवेषकों के लिये अत्यन्त उपयोगी एवं महत्वपूर्ण है।
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