महाकवि कालिदास अद्वितीय प्रतिभा के धनी थे। उनकी कृतियों में अनेक विद्याओं का समावेश है। भारत की तत्कालीन संस्कृति का चित्रण उनकी रचनाओं में स्पष्ट अंकित है। महाकवि ने अपनी रचनाओं में सांस्कृतिक मान्यताओं, धर्म-दर्शन-कला, शिक्षा आदि की चर्चा की है। शिक्षा के संबंध में उनके विचार स्पष्ट हैं। शिक्षा का उद्देश्य क्या है? शिक्षक का व्यक्तित्व कैसा हो? शिक्षक और छात्रों के संबंधों स्वरूप कैसा हो? शिक्षा संस्थाओं में अनुशासन अपरिहार्य है या नहीं, शिक्षा के प्रति शासन की नीति क्या हो? लोक का शिक्षा के प्रति दृष्टिकोण किस प्रकार का हो? शिक्षा में परीक्षा तथा उपाधि का क्या संबंध हो? आदि प्रश्नों का उत्तर हमें महाकवि कालिदास की कृतियों में मिलता है।
कालिदास के मत में शिक्षा के उत्कृष्ट नैतिक सिद्धान्त अनुकरणीय हैं। नैतिक शिक्षा से संबंधित कठिनाइयों का समाधान कालिदास के मौलिक तथा प्राचीन व्यापक दृष्टिकोण को अपना कर ही किया जा सकता है। अत: नि:संदेह नैतिक शिक्षा के लिए कालिदास के शैक्षिक चिंतन की उपादेयता अद्यावधि प्रासंगिक तथा अनुकरणीय है।
कालिदास का शैक्षिक चिंतन – Kalidas Ka Shaikshik Chintan
Original price was: ₹495.00.₹395.00Current price is: ₹395.00.
Author | Prof. Ramesh Prasad Pathak |
Edition | 2019 |
ISBN | 9788177024612 |
Pages | 131 |
Binding | Hardbound |
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